Hymn No. 6371 | Date: 08-Sep-1996
|
|
Text Size |
 |
 |
1996-09-08
1996-09-08
1996-09-08
https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=12360
इकरार कर रहा हूँ, प्रभु आज मैं तुझमें ऐतबार कर रहा हूँ।
इकरार कर रहा हूँ, प्रभु आज मैं तुझमें ऐतबार कर रहा हूँ। गलतियों की राह पर मैं चल रहा था, सही राह पर चलने की कोशिश कर रहा हूँ। कामयाबियों के चक्कर में गुमनाम हो गया था, सही राह पर आने की कोशिश कर रहा हूँ। मतलब से भरी हुई थी दुनिया मेरी, हर मतलब में से मैं मतलब ढूँढ़ रहा हूँ। हर चीज जग में है भरी भरी, चाहत की दिल में है ना कमी, है पुकार मेरी दर्द भरी, छोड़ ना सका राह बंधनों की जग में, बंधनों में मेरी मुक्ति ढूँढ़ रहा हूँ। छुपा हुआ था प्यार जो मेरे दिल में, आँखों में और होठों पर न आ सका, कमी ना थी कोई, जीवन में मेरे, फिर भी जीवन में मैं कमी महसूस कर रहा हूँ। जब मालिक है तू जग का, रखना हाथ मेरे सिर पर, मैं यह अरज कर रहा हूँ। जो जो भी हो मिलावट, दिल में तो मेरे, साफ उन्हें करना यह ख्याल में रखना।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
इकरार कर रहा हूँ, प्रभु आज मैं तुझमें ऐतबार कर रहा हूँ। गलतियों की राह पर मैं चल रहा था, सही राह पर चलने की कोशिश कर रहा हूँ। कामयाबियों के चक्कर में गुमनाम हो गया था, सही राह पर आने की कोशिश कर रहा हूँ। मतलब से भरी हुई थी दुनिया मेरी, हर मतलब में से मैं मतलब ढूँढ़ रहा हूँ। हर चीज जग में है भरी भरी, चाहत की दिल में है ना कमी, है पुकार मेरी दर्द भरी, छोड़ ना सका राह बंधनों की जग में, बंधनों में मेरी मुक्ति ढूँढ़ रहा हूँ। छुपा हुआ था प्यार जो मेरे दिल में, आँखों में और होठों पर न आ सका, कमी ना थी कोई, जीवन में मेरे, फिर भी जीवन में मैं कमी महसूस कर रहा हूँ। जब मालिक है तू जग का, रखना हाथ मेरे सिर पर, मैं यह अरज कर रहा हूँ। जो जो भी हो मिलावट, दिल में तो मेरे, साफ उन्हें करना यह ख्याल में रखना।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English
ikarara kara raah hum, prabhu aaj maim tujamem aitabara kara raah hum|
galatiyom ki raah paar maim chala raah tha, sahi raah paar chalane ki koshish kara raah hum|
kamayabiyom ke chakkara me gumanama ho gaya tha, sahi raah paar ane ki koshish kara raah hum|
matalaba se bhari hui thi duniya meri, haar matalaba me se maim matalaba dhundha़ raah hum|
haar chija jaag me hai bhari bhari, chahata ki dila me hai na kami, hai pukara meri dard bhari,
chhoड़ na saka raah bandhanom ki jaag mem, bandhanom me meri mukti dhundha़ raah hum|
chhupa hua tha pyaar jo mere dila mem, ankhom me aura hothom paar na a saka,
kai na thi koi, jivan me mere, phira bhi jivan me maim kai mahasusa kara raah hum|
jaba malika hai tu jaag ka, rakhana haath mere sira para, maim yaha araja kara raah hum|
jo jo bhi ho milavata, dila me to mere, sapha unhem karana yaha khyala me rakhana|
|