Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 2744 | Date: 04-Sep-1990
कब तक चुप रहोगे प्रभु, तुम कब तक चुप रहोगे?
Kaba taka cupa rahōgē prabhu, tuma kaba taka cupa rahōgē?

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)

Hymn No. 2744 | Date: 04-Sep-1990

कब तक चुप रहोगे प्रभु, तुम कब तक चुप रहोगे?

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kaba taka cupa rahōgē prabhu, tuma kaba taka cupa rahōgē?

પ્રાર્થના, ધ્યાન, અરજી, વિનંતી (Prayer, Meditation, Request)

1990-09-04 1990-09-04 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=13733 कब तक चुप रहोगे प्रभु, तुम कब तक चुप रहोगे? कब तक चुप रहोगे प्रभु, तुम कब तक चुप रहोगे?

देख लिया हाल-बेहाल हमारा, फिर भी तुम चुप रहोगे? कब तक...

डूब रहे हैं, हम तो माया में, क्या तुम वह देखते रहोगे? कब तक...

ढूँढ़ रहे हैं रास्ता हम तो अँधेरे में, क्या यह तुम देखते रहोगे? कब तक...

जीवन में तो गिरते रहे हैं हम, तो क्या यह तुम देख सकोगे? कब तक...

रहे हैं नाच नाचते हम तो विकाऱें में, फिर भी क्या तुम चुप रहोगे? कब तक...

है मन तो हमारा अस्थिर, क्या स्थिर मेरे मन को तो करोगे? कब तक...

डोल रही है, नाव हमारी तो संसार में, क्या स्थिर ना उसे तुम करोगे? कब तक...

कबसे पुकार रहे हैं, हम तो तुम्हें, जवाब न क्या उनका दोगे? कब तक...

आए हैं, जब द्वार पर तेरे, क्या हमें गले से ना लगाओगे? कब तक...
https://www.youtube.com/watch?v=Y1Te8646STE
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कब तक चुप रहोगे प्रभु, तुम कब तक चुप रहोगे?

देख लिया हाल-बेहाल हमारा, फिर भी तुम चुप रहोगे? कब तक...

डूब रहे हैं, हम तो माया में, क्या तुम वह देखते रहोगे? कब तक...

ढूँढ़ रहे हैं रास्ता हम तो अँधेरे में, क्या यह तुम देखते रहोगे? कब तक...

जीवन में तो गिरते रहे हैं हम, तो क्या यह तुम देख सकोगे? कब तक...

रहे हैं नाच नाचते हम तो विकाऱें में, फिर भी क्या तुम चुप रहोगे? कब तक...

है मन तो हमारा अस्थिर, क्या स्थिर मेरे मन को तो करोगे? कब तक...

डोल रही है, नाव हमारी तो संसार में, क्या स्थिर ना उसे तुम करोगे? कब तक...

कबसे पुकार रहे हैं, हम तो तुम्हें, जवाब न क्या उनका दोगे? कब तक...

आए हैं, जब द्वार पर तेरे, क्या हमें गले से ना लगाओगे? कब तक...




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

kaba taka cupa rahōgē prabhu, tuma kaba taka cupa rahōgē?

dēkha liyā hāla-bēhāla hamārā, phira bhī tuma cupa rahōgē? kaba taka...

ḍūba rahē haiṁ, hama tō māyā mēṁ, kyā tuma vaha dēkhatē rahōgē? kaba taka...

ḍhūm̐ḍha़ rahē haiṁ rāstā hama tō am̐dhērē mēṁ, kyā yaha tuma dēkhatē rahōgē? kaba taka...

jīvana mēṁ tō giratē rahē haiṁ hama, tō kyā yaha tuma dēkha sakōgē? kaba taka...

rahē haiṁ nāca nācatē hama tō vikāra़ēṁ mēṁ, phira bhī kyā tuma cupa rahōgē? kaba taka...

hai mana tō hamārā asthira, kyā sthira mērē mana kō tō karōgē? kaba taka...

ḍōla rahī hai, nāva hamārī tō saṁsāra mēṁ, kyā sthira nā usē tuma karōgē? kaba taka...

kabasē pukāra rahē haiṁ, hama tō tumhēṁ, javāba na kyā unakā dōgē? kaba taka...

āē haiṁ, jaba dvāra para tērē, kyā hamēṁ galē sē nā lagāōgē? kaba taka...
English Explanation Increase Font Decrease Font


In this hymn, Kakaji is pleading to God and asking till when you will not answer my questions. He is asking the Lord to remove us from these worldly affairs and keep our minds steady.

How long will you keep silent Lord, how long will you keep silent?

You have seen our condition is miserable, then to you are silent? Till when.

We are getting immersed (drowning )in illusion will you keep on watching us? Till when.

We are searching the path in darkness will you keep watching us? Till when.

We are falling into the everyday routine will you be able to see us? Till when.

We are dancing and dancing in wrong deeds than to you will remain silent? Till when.

My mind is (restless) unstable will you make it stable? Till when.

My boat is drifting in this-worldly affairs, will you not anchor it? Till when

From when we are calling you for help, will you not answer them? Till when

We have come to your door will you not hug us? Till when
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Hindi Bhajan no. 2744 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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