ना दिल में है कोई उम्मीद भरी, ना है शिकायत भरी
फिर भी यह दिल मेरा, तेरा दीवाना दीवाना दीवाना है।
देना है तुम्हें, यदि शिक्षा मुझे तो इस जगमें
तो मस्तक तो यह, तुम्हारा तुम्हारा तुम्हारा है।
ढूँढ़ने निकला प्यार जग में, फिरा मैं जग के कोने-कोने में
भूल गया जीवन में, दिल तेरा प्यार का खजाना खजाना खजाना है।
तुझे ढूँढ़ने मैं फिरा, जग के कोन-कोने में,
भूल गया ढूँढ़ना तो दिल मेरा, जहाँ तेरा, बसेरा बसेरा बसेरा है।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)