चलो जीवन में कुछ आज तो सोचे, जीवन में कुछ आज तो करें
किया क्या जीवन में, करना था क्या जीवन में, वह आज तो सोचे
किया अच्छा जीवन में क्या, किया क्या बुरा, हिसाब उसका तो देखे
मिला जग में तो क्या, खोया जीवन में तो क्या, जरा आज उसको देखे
दिया दुःख जीवन में किसको, बनाया सुखी किसने, वह आज तो सोचे
दुःखी ना करे किसी को जीवन में, जीवन में हो सके तो, सबको सुखी करें
जीवन में ना किसी को दया की परिस्थिति में लायें, ना खुद रहे
हो सके तो मदद सब की करें, ना किसी का तो अपमान करें
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)