कर दिया है दिल, प्रभु तेरे हवाले, चाहे तू स्वीकारे, चाहे ना स्वीकारे
दिल आपका, है आपका, सौंप सकूँ और मैं किसके हवाले – चाहे…
रखा पास मेरी जतन करके, आज सौंप रहा हूँ तेरे हवाले – चाहे…
आशा भरी है, दर्द भी भरा है उसमें, अब तू ही उसे सँभाल ले– चाहे…
भरी-भरी है धड़कन उसमें, एक तेरे नाम की, करता हूँ आज तेरे हवाले – चाहे…
सँभाला है जीवन भर उसे, सौंप रहा उसे प्रभु, आज तेरे हवाले – चाहे…
करना क्या, रखना कैसे, है अब तेरे हाथो में, किया है, जब तेरे हवाले – चाहे…
है ना अब सुख दुःख का स्थान, है आनंद स्पर्श जब तेरे पास में – चाहे…
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)