देखा तो मैने, पहली बार प्रभु की आँखो में प्यार
उठी ना जब दिल में स्वार्थ की पुकार, मिल गया उसका अहसास
रहा ना जब दिल में धिक्कार, देख के प्रभु की आँखो में प्यार
मिल गया, जीवन में जीवन का सार, कर ले बस तू प्रभु से प्यार
मिली जीवन में निराशा की बहार, उठी दिल में प्रभु की पुकार
किया जब दिल से भूलों का इकरार, किया जीवन में प्रभु को स्वीकार
लगा ना जीवन में सुख दुःख का भार, मिला जीवन में प्रभु का प्यार
रहा ना जीवन में कोई अंधकार, मिला जीवन में जब प्यार का प्रकाश
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)