Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6611 | Date: 08-Feb-1997
मजा आ गया, मजा आ गया, मजा आ गया
Majā ā gayā, majā ā gayā, majā ā gayā

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)

Hymn No. 6611 | Date: 08-Feb-1997

मजा आ गया, मजा आ गया, मजा आ गया

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majā ā gayā, majā ā gayā, majā ā gayā

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)

1997-02-08 1997-02-08 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16598 मजा आ गया, मजा आ गया, मजा आ गया मजा आ गया, मजा आ गया, मजा आ गया,

जीवन में तो बस मजा गया, मजा आ गया।

रखता है नज़र, तू हम पर, दिल में यह यकीन हो जाये,

हर साँस चल रही है, आस ब़ढ़ रही है, तेरा दीदार मिल जाये।

हर विचार में रहे तू बुलंद इतना हो जाये, तेरे चरणों में पहुँच जाये,

लड़खड़ाते कदम हमारे, तेरी कृपा से स्थिर हो जाये, वह समझ में आये।

लूट रही है किस्मत, हमारे जीवन का नशा, तेरी कृपा से वह रुक जाये,

तेरे नाम का नशा, बढ़ता ही बढ़ता जाये, तू झूम उठे उसमें

मानते हैं जानते हैं, तू सब जगह समाया है, हर जगह पर झलक तेरी मिल जाये।

यकीन तेरा, दिल में रहा भरा भरा, यकीन तुझ में बढ़ता ही बढ़ता जाये।

तेरी इंत़जार में, हम हमारे होश खो जाये, जीवन में तब मजा आ जाये।
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मजा आ गया, मजा आ गया, मजा आ गया,

जीवन में तो बस मजा गया, मजा आ गया।

रखता है नज़र, तू हम पर, दिल में यह यकीन हो जाये,

हर साँस चल रही है, आस ब़ढ़ रही है, तेरा दीदार मिल जाये।

हर विचार में रहे तू बुलंद इतना हो जाये, तेरे चरणों में पहुँच जाये,

लड़खड़ाते कदम हमारे, तेरी कृपा से स्थिर हो जाये, वह समझ में आये।

लूट रही है किस्मत, हमारे जीवन का नशा, तेरी कृपा से वह रुक जाये,

तेरे नाम का नशा, बढ़ता ही बढ़ता जाये, तू झूम उठे उसमें

मानते हैं जानते हैं, तू सब जगह समाया है, हर जगह पर झलक तेरी मिल जाये।

यकीन तेरा, दिल में रहा भरा भरा, यकीन तुझ में बढ़ता ही बढ़ता जाये।

तेरी इंत़जार में, हम हमारे होश खो जाये, जीवन में तब मजा आ जाये।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

majā ā gayā, majā ā gayā, majā ā gayā,

jīvana mēṁ tō basa majā gayā, majā ā gayā।

rakhatā hai naja़ra, tū hama para, dila mēṁ yaha yakīna hō jāyē,

hara sām̐sa cala rahī hai, āsa ba़ḍha़ rahī hai, tērā dīdāra mila jāyē।

hara vicāra mēṁ rahē tū bulaṁda itanā hō jāyē, tērē caraṇōṁ mēṁ pahum̐ca jāyē,

laḍa़khaḍa़ātē kadama hamārē, tērī kr̥pā sē sthira hō jāyē, vaha samajha mēṁ āyē।

lūṭa rahī hai kismata, hamārē jīvana kā naśā, tērī kr̥pā sē vaha ruka jāyē,

tērē nāma kā naśā, baḍha़tā hī baḍha़tā jāyē, tū jhūma uṭhē usamēṁ

mānatē haiṁ jānatē haiṁ, tū saba jagaha samāyā hai, hara jagaha para jhalaka tērī mila jāyē।

yakīna tērā, dila mēṁ rahā bharā bharā, yakīna tujha mēṁ baḍha़tā hī baḍha़tā jāyē।

tērī iṁta़jāra mēṁ, hama hamārē hōśa khō jāyē, jīvana mēṁ taba majā ā jāyē।
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Hindi Bhajan no. 6611 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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