Hymn No. 6619 | Date: 09-Feb-1997
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1997-02-09
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1997-02-09
https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16606
कातिल तेरी ऩजर का तीर, मेरे दिल के आर पार निकल गया
कातिल तेरी ऩजर का तीर, मेरे दिल के आर पार निकल गया मुझे यकीन मिल गया, तेरे दिल पर मेरा बसेरा हो गया। चाहत थी तेरे मिलन की, इस बहाने से, मिलन तो तेरा हो गया, यादों के तीर तूने साथ में ऐसा चला दिया, तेरी यादों में खो गया। आस उठती है मेरे दिल में, तेरी झलक की ख्वाहिश दिल में जगा गया, इस तरह बसेरा, तेरे दिल में मेरा तो हो गया, बसेरा हो गया। चला ना समय का पता, याद बनकर जहाँ तू दिल में रह गया, दूर रहकर भी, तू मेरे दिल से दूर ना रहा, दूरी मेरी मिटा गया। रोक ना सकेगी कोई रुकावट हमें, जो नज़रों के तीर का आना जाना हो गया, रुक गया था मिलन का जो सिलसिला, वह फिर से शुरू हो गया। लफ्ज ना निकलते थे, फिर भी पैगाम का आना जाना हो गया, तू जहाँ भी हो खुशहाल रहे, मैं हर दम तेरी यादो में खुश रहूँगा।
https://www.youtube.com/watch?v=SIKG_hZqj9Q
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
कातिल तेरी ऩजर का तीर, मेरे दिल के आर पार निकल गया मुझे यकीन मिल गया, तेरे दिल पर मेरा बसेरा हो गया। चाहत थी तेरे मिलन की, इस बहाने से, मिलन तो तेरा हो गया, यादों के तीर तूने साथ में ऐसा चला दिया, तेरी यादों में खो गया। आस उठती है मेरे दिल में, तेरी झलक की ख्वाहिश दिल में जगा गया, इस तरह बसेरा, तेरे दिल में मेरा तो हो गया, बसेरा हो गया। चला ना समय का पता, याद बनकर जहाँ तू दिल में रह गया, दूर रहकर भी, तू मेरे दिल से दूर ना रहा, दूरी मेरी मिटा गया। रोक ना सकेगी कोई रुकावट हमें, जो नज़रों के तीर का आना जाना हो गया, रुक गया था मिलन का जो सिलसिला, वह फिर से शुरू हो गया। लफ्ज ना निकलते थे, फिर भी पैगाम का आना जाना हो गया, तू जहाँ भी हो खुशहाल रहे, मैं हर दम तेरी यादो में खुश रहूँगा।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English
katila teri na़jara ka tira, mere dila ke ara paar nikala gaya
muje yakina mila gaya, tere dila paar mera basera ho gaya|
chahata thi tere milana ki, isa bahane se, milana to tera ho gaya,
yadom ke teer tune saath me aisa chala diya, teri yadom me kho gaya|
asa uthati hai mere dila mem, teri jalaka ki khvahisha dila me jaag gaya,
isa taraha basera, tere dila me mera to ho gaya, basera ho gaya|
chala na samay ka pata, yaad banakara jaham tu dila me raah gaya,
dur rahakara bhi, tu mere dila se dur na raha, duri meri mita gaya|
roka na sakegi koi rukavata hamem, jo naja़rom ke teer ka ana jann ho gaya,
ruka gaya tha milana ka jo silasila, vaha phira se shuru ho gaya|
laphja na nikalate the, phira bhi paigama ka ana jann ho gaya,
tu jaham bhi ho khushahala rahe, maim haar dama teri yado me khusha rahunga|
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