Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 8728 | Date: 29-Jul-2000
हरदम करवाता रहा सामना मुझसे, ना शक्ति है मुझ में पूरी
Haradama karavātā rahā sāmanā mujhasē, nā śakti hai mujha mēṁ pūrī

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)

Hymn No. 8728 | Date: 29-Jul-2000

हरदम करवाता रहा सामना मुझसे, ना शक्ति है मुझ में पूरी

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haradama karavātā rahā sāmanā mujhasē, nā śakti hai mujha mēṁ pūrī

મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ (Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)

2000-07-29 2000-07-29 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=18215 हरदम करवाता रहा सामना मुझसे, ना शक्ति है मुझ में पूरी हरदम करवाता रहा सामना मुझसे, ना शक्ति है मुझ में पूरी

है आदत तो तेरी यह बुरी (2)

कहने बैठूँ जब तेरे सामने चुप कर देता है तू मुझे

ना सुनना बात मेरी, है यह आदत तेरी बुरी।

था पास में मैं तेरे, था पास में तू मेरे, फिर भी ना जाने कैसी है ये दूरी

हमें बिठा के सामने ओझल हो जाना नज़रों से, यह ...

राह देखता हूँ मैं तेरी, नज़रों से, नज़रें ना मिलाना

आता जाता रहा, रहा मनमानी करता, तू ना आया

माना कमजोरियाँ थी, हटाई नही सब कामनायें मेरी।

हर बार देखना चाहता है मुझे, हँसता मौका पाकर रुला दिया,

मजबूरियों से भरे थे हम, ना मजबूर था तू, क्यों हालत की ऐसी मेरी।

तेरे बिना कमजोर हूँ मैं, सदा रहम ना खाई तूने मेरी

खेल खेले बहुत तूने, ना आदत में तेरी तूने कुछ बदली की।
https://www.youtube.com/watch?v=-_ebVT1NsWE
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हरदम करवाता रहा सामना मुझसे, ना शक्ति है मुझ में पूरी

है आदत तो तेरी यह बुरी (2)

कहने बैठूँ जब तेरे सामने चुप कर देता है तू मुझे

ना सुनना बात मेरी, है यह आदत तेरी बुरी।

था पास में मैं तेरे, था पास में तू मेरे, फिर भी ना जाने कैसी है ये दूरी

हमें बिठा के सामने ओझल हो जाना नज़रों से, यह ...

राह देखता हूँ मैं तेरी, नज़रों से, नज़रें ना मिलाना

आता जाता रहा, रहा मनमानी करता, तू ना आया

माना कमजोरियाँ थी, हटाई नही सब कामनायें मेरी।

हर बार देखना चाहता है मुझे, हँसता मौका पाकर रुला दिया,

मजबूरियों से भरे थे हम, ना मजबूर था तू, क्यों हालत की ऐसी मेरी।

तेरे बिना कमजोर हूँ मैं, सदा रहम ना खाई तूने मेरी

खेल खेले बहुत तूने, ना आदत में तेरी तूने कुछ बदली की।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

haradama karavātā rahā sāmanā mujhasē, nā śakti hai mujha mēṁ pūrī

hai ādata tō tērī yaha burī (2)

kahanē baiṭhūm̐ jaba tērē sāmanē cupa kara dētā hai tū mujhē

nā sunanā bāta mērī, hai yaha ādata tērī burī।

thā pāsa mēṁ maiṁ tērē, thā pāsa mēṁ tū mērē, phira bhī nā jānē kaisī hai yē dūrī

hamēṁ biṭhā kē sāmanē ōjhala hō jānā naja़rōṁ sē, yaha ...

rāha dēkhatā hūm̐ maiṁ tērī, naja़rōṁ sē, naja़rēṁ nā milānā

ātā jātā rahā, rahā manamānī karatā, tū nā āyā

mānā kamajōriyām̐ thī, haṭāī nahī saba kāmanāyēṁ mērī।

hara bāra dēkhanā cāhatā hai mujhē, ham̐satā maukā pākara rulā diyā,

majabūriyōṁ sē bharē thē hama, nā majabūra thā tū, kyōṁ hālata kī aisī mērī।

tērē binā kamajōra hūm̐ maiṁ, sadā rahama nā khāī tūnē mērī

khēla khēlē bahuta tūnē, nā ādata mēṁ tērī tūnē kucha badalī kī।
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Hindi Bhajan no. 8728 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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