Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 4845 | Date: 30-Jul-1993
मैं तो करूँ, मैं तो करूँ, क्या करूँ, कैसे करूँ, समझ में आता नहीं, मैं क्या करूँ?
Maiṁ tō karūm̐, maiṁ tō karūm̐, kyā karūm̐, kaisē karūm̐, samajha mēṁ ātā nahīṁ, maiṁ kyā karūm̐?

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 4845 | Date: 30-Jul-1993

मैं तो करूँ, मैं तो करूँ, क्या करूँ, कैसे करूँ, समझ में आता नहीं, मैं क्या करूँ?

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maiṁ tō karūm̐, maiṁ tō karūm̐, kyā karūm̐, kaisē karūm̐, samajha mēṁ ātā nahīṁ, maiṁ kyā karūm̐?

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1993-07-30 1993-07-30 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=345 मैं तो करूँ, मैं तो करूँ, क्या करूँ, कैसे करूँ, समझ में आता नहीं, मैं क्या करूँ? मैं तो करूँ, मैं तो करूँ, क्या करूँ, कैसे करूँ, समझ में आता नहीं, मैं क्या करूँ?

क्या करूँ, कब करूँ, जीवन में उलझन में हूँ मैं, अब मैं क्या करूँ?

करना चाहता हूँ मैं बहुत कुछ, शुरु करूँ तो मैं कहाँ से शुरू करूँ?

रुकते ही रुकते, मैं जीवन जिये जा रहा हूँ, अब शुरू करूँ तो कहासे करूँ?

बार बार करना चाहता हूँ शुरु, कर ना सकूँ, तब तो मैं क्या करूँ?

आना है तेरे पास प्रभु, ना आ सकूँ, मन अस्थिर है, तब मैं क्या करूँ?

वेदना भरी भरी है दिल में, करना चाहता हूँ खाली, कहाँ और कैसे करूँ?

बढना चाहता हूँ मैं आगे, पीछे खींचा जा रहा हूँ मैं, तब मैं क्या करूँ?

दिल भी है, दिल में दर्द भी है, दिल को दर्द से मुक्त मैं कैसे करूँ?

जो भी हूँ, मैं तेरा ही हूँ, तेरा बनने में करना पड़े, मैं तो वही करूँ।
https://www.youtube.com/watch?v=a2xtyxKQVBw
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मैं तो करूँ, मैं तो करूँ, क्या करूँ, कैसे करूँ, समझ में आता नहीं, मैं क्या करूँ?

क्या करूँ, कब करूँ, जीवन में उलझन में हूँ मैं, अब मैं क्या करूँ?

करना चाहता हूँ मैं बहुत कुछ, शुरु करूँ तो मैं कहाँ से शुरू करूँ?

रुकते ही रुकते, मैं जीवन जिये जा रहा हूँ, अब शुरू करूँ तो कहासे करूँ?

बार बार करना चाहता हूँ शुरु, कर ना सकूँ, तब तो मैं क्या करूँ?

आना है तेरे पास प्रभु, ना आ सकूँ, मन अस्थिर है, तब मैं क्या करूँ?

वेदना भरी भरी है दिल में, करना चाहता हूँ खाली, कहाँ और कैसे करूँ?

बढना चाहता हूँ मैं आगे, पीछे खींचा जा रहा हूँ मैं, तब मैं क्या करूँ?

दिल भी है, दिल में दर्द भी है, दिल को दर्द से मुक्त मैं कैसे करूँ?

जो भी हूँ, मैं तेरा ही हूँ, तेरा बनने में करना पड़े, मैं तो वही करूँ।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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maiṁ tō karūm̐, maiṁ tō karūm̐, kyā karūm̐, kaisē karūm̐, samajha mēṁ ātā nahīṁ, maiṁ kyā karūm̐?

kyā karūm̐, kaba karūm̐, jīvana mēṁ ulajhana mēṁ hūm̐ maiṁ, aba maiṁ kyā karūm̐?

karanā cāhatā hūm̐ maiṁ bahuta kucha, śuru karūm̐ tō maiṁ kahām̐ sē śurū karūm̐?

rukatē hī rukatē, maiṁ jīvana jiyē jā rahā hūm̐, aba śurū karūm̐ tō kahāsē karūm̐?

bāra bāra karanā cāhatā hūm̐ śuru, kara nā sakūm̐, taba tō maiṁ kyā karūm̐?

ānā hai tērē pāsa prabhu, nā ā sakūm̐, mana asthira hai, taba maiṁ kyā karūm̐?

vēdanā bharī bharī hai dila mēṁ, karanā cāhatā hūm̐ khālī, kahām̐ aura kaisē karūm̐?

baḍhanā cāhatā hūm̐ maiṁ āgē, pīchē khīṁcā jā rahā hūm̐ maiṁ, taba maiṁ kyā karūm̐?

dila bhī hai, dila mēṁ darda bhī hai, dila kō darda sē mukta maiṁ kaisē karūm̐?

jō bhī hūm̐, maiṁ tērā hī hūm̐, tērā bananē mēṁ karanā paḍa़ē, maiṁ tō vahī karūm̐।
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Hindi Bhajan no. 4845 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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