Hymn No. 4855 | Date: 01-Aug-1993
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मैं हूँ चाहता एक ख्वाब तो तेरा, क्या नसीब नहीं है, दर्शन ख्वाब में भी तेरा?
Main Hoon Chaahata Ek Khvaab To Tera, Kya Naseeb Hahin Hai, Karshan Khvaab Mein Bhee Tera?
પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)
मैं हूँ चाहता एक ख्वाब तो तेरा, क्या नसीब नहीं है, दर्शन ख्वाब में भी तेरा? करना चाहता हूँ जब दर्शन मैं तेरा, ख्वाब में भी मिल जाये दर्शन तो तेरा। मिल जाय ख्वाब में भी दर्शन जो तेरा, समझूँगा जीवन धन्य तब तो मेरा, निकल जाये ख्वाब में भी जो यह दर्द मेरा, रहेगा ना दर्द जीवन में तो मेरा। चाहता हूँ जीवन में दर्शन तो तेरा, चलाना न पड़े ख्वाब के दर्शन से तेरा, रहता नही चैन जीवन में दर्शन बिना तेरा, कम से कम ख्वाब में भी मिल जाए दर्शन तो तेरा। छूटती नहीं आशा जीवन में यह मेरी, कैसे भी हो जाए, जीवन में दर्शन तो तेरा, आता रहे, भले आता रहे ख्वाब जीवन में, हर ख्वाब में मिलते रहे दर्शन तो तेरा। टूट ना जाये जीवन का यह ख्वाब तो मेरा, यह ख्वाब तो है, मेरे जीवन का सहारा, रहे ना जीवन में यह ख्वाब मेरा अधूरा, हो जाये मिलन जीवन में तेरा।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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