Hymn No. 5201 | Date: 09-Apr-1994
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1994-04-09
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1994-04-09
https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=701
बात तो है कुछ कहने की, कुछ सोचने की, कुछ समझने की
बात तो है कुछ कहने की, कुछ सोचने की, कुछ समझने की, दिखाई देता नही जग में, तो उठती है तड़पन दिल में, उन्हे क्यों मिलने की। स्थिर रह नही सकता कोई जग में, है कोशिश सबकी स्थिर रहने की, हर दर्द की दवा नहीं है जग में, करते हैं कोशिश सब दर्द छुपाने की। हर दिल में तो है जलन, दिल में तो कोई न कोई तड़पन की, आये क्यों जग में, जायेंगें कहाँ, कोशिश है सबकी यह जानने की। हर दिल में तो दया छिपी है, करती है कोशिश तो उन्हें जगाने की, करते है कोशिश सब तो जग में सुनाने की, ना किसी की सुनने की। मुश्किल है जग में हर बात में सुखी रहना, अन्य को सुखी रखने की।
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
बात तो है कुछ कहने की, कुछ सोचने की, कुछ समझने की, दिखाई देता नही जग में, तो उठती है तड़पन दिल में, उन्हे क्यों मिलने की। स्थिर रह नही सकता कोई जग में, है कोशिश सबकी स्थिर रहने की, हर दर्द की दवा नहीं है जग में, करते हैं कोशिश सब दर्द छुपाने की। हर दिल में तो है जलन, दिल में तो कोई न कोई तड़पन की, आये क्यों जग में, जायेंगें कहाँ, कोशिश है सबकी यह जानने की। हर दिल में तो दया छिपी है, करती है कोशिश तो उन्हें जगाने की, करते है कोशिश सब तो जग में सुनाने की, ना किसी की सुनने की। मुश्किल है जग में हर बात में सुखी रहना, अन्य को सुखी रखने की।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English
bata to hai kuchha kahane ki, kuchha sochane ki, kuchha samajane ki,
dikhai deta nahi jaag mem, to uthati hai tada़pana dila mem, unhe kyom milane ki|
sthir raah nahi sakata koi jaag mem, hai koshish sabaki sthir rahane ki,
haar dard ki dava nahi hai jaag mem, karate haim koshish saba dard chhupane ki|
haar dila me to hai jalana, dila me to koi na koi tada़pana ki,
aye kyom jaag mem, jayengem kaham, koshish hai sabaki yaha janane ki|
haar dila me to daya chhipi hai, karti hai koshish to unhem jag ne ki,
karate hai koshish saba to jaag me sunane ki, na kisi ki sunane ki|
mushkila hai jaag me haar bata me sukhi rahana, anya ko sukhi rakhane ki|
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