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जब प्रेम की धारा दिल में वहे, वहीं तो राधा राधा रहे
भक्ति की धारा वहे दिल में, कृष्ण वहाँ दौड़ के आये
When the stream of love flows in the heart, there resides Radha Radha,
Where the flow of devotion is filled in the heart, Krishna comes running there.
- सतगुरु श्री देवेन्द्र घीया( काका)
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