Hymn No. 5708 | Date: 08-Mar-1995
लोक लाज लगत है, वाणी नही बोलत है, नयना समझावत है
lōka lāja lagata hai, vāṇī nahī bōlata hai, nayanā samajhāvata hai
કૃષ્ણ, રામ, શિવ (Krishna, Ram, Shiv)
1995-03-08
1995-03-08
1995-03-08
https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=1207
लोक लाज लगत है, वाणी नही बोलत है, नयना समझावत है
लोक लाज लगत है, वाणी नही बोलत है, नयना समझावत है,
हूँ विवश मैं, ओ मेरे श्याम पिया।
नटखट श्याम, जब तू करत है, मीठी खटपट
दिल चाहत तू करत जात है, कहुँ रुकना, ना रुकना तू, ओ मेरे श्याम पिया।
करती नही फरियाद, फिर भी फरियाद करत जात है,
उर ना धरत वह, ओ मेरे श्याम पिया।
विनति मैं करत जात हूँ, तू मुस्कुरात जात है,
धडकन दिल की हमार बढ़त जात है, वह सही नहीं जात है
विश्वास मेरा बढ़त जात है, आधार जब तू बनत जात है,
नाव मेरी नही डोलत है, जब तेरे विश्वास में जब चलत है
समय बीतत जात है, ना वह रूकत है
तेरे दर्शन बिना जब जब जीवन जात है, वह मुझे अखरत है।
चैन दिल को नही आवत है नयन मोरे तोरे दर्शन नही पावत है
ना तू रुकत है, तोरी मनमानी करत जात है,
तब जान मेरी निकल जात है, ओ मेरे श्याम पिया।
https://www.youtube.com/watch?v=iKVcEyH3ayM
Satguru Shri Devendra Ghia (Kaka)
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लोक लाज लगत है, वाणी नही बोलत है, नयना समझावत है,
हूँ विवश मैं, ओ मेरे श्याम पिया।
नटखट श्याम, जब तू करत है, मीठी खटपट
दिल चाहत तू करत जात है, कहुँ रुकना, ना रुकना तू, ओ मेरे श्याम पिया।
करती नही फरियाद, फिर भी फरियाद करत जात है,
उर ना धरत वह, ओ मेरे श्याम पिया।
विनति मैं करत जात हूँ, तू मुस्कुरात जात है,
धडकन दिल की हमार बढ़त जात है, वह सही नहीं जात है
विश्वास मेरा बढ़त जात है, आधार जब तू बनत जात है,
नाव मेरी नही डोलत है, जब तेरे विश्वास में जब चलत है
समय बीतत जात है, ना वह रूकत है
तेरे दर्शन बिना जब जब जीवन जात है, वह मुझे अखरत है।
चैन दिल को नही आवत है नयन मोरे तोरे दर्शन नही पावत है
ना तू रुकत है, तोरी मनमानी करत जात है,
तब जान मेरी निकल जात है, ओ मेरे श्याम पिया।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
lōka lāja lagata hai, vāṇī nahī bōlata hai, nayanā samajhāvata hai,
hūm̐ vivaśa maiṁ, ō mērē śyāma piyā।
naṭakhaṭa śyāma, jaba tū karata hai, mīṭhī khaṭapaṭa
dila cāhata tū karata jāta hai, kahum̐ rukanā, nā rukanā tū, ō mērē śyāma piyā।
karatī nahī phariyāda, phira bhī phariyāda karata jāta hai,
ura nā dharata vaha, ō mērē śyāma piyā।
vinati maiṁ karata jāta hūm̐, tū muskurāta jāta hai,
dhaḍakana dila kī hamāra baḍha़ta jāta hai, vaha sahī nahīṁ jāta hai
viśvāsa mērā baḍha़ta jāta hai, ādhāra jaba tū banata jāta hai,
nāva mērī nahī ḍōlata hai, jaba tērē viśvāsa mēṁ jaba calata hai
samaya bītata jāta hai, nā vaha rūkata hai
tērē darśana binā jaba jaba jīvana jāta hai, vaha mujhē akharata hai।
caina dila kō nahī āvata hai nayana mōrē tōrē darśana nahī pāvata hai
nā tū rukata hai, tōrī manamānī karata jāta hai,
taba jāna mērī nikala jāta hai, ō mērē śyāma piyā।
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