Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6389 | Date: 23-Sep-1996
मुस्कुराते रहना सीख लो, मुस्कुराते जीना सीख लो
Muskurātē rahanā sīkha lō, muskurātē jīnā sīkha lō

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 6389 | Date: 23-Sep-1996

मुस्कुराते रहना सीख लो, मुस्कुराते जीना सीख लो

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muskurātē rahanā sīkha lō, muskurātē jīnā sīkha lō

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1996-09-23 1996-09-23 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=12378 मुस्कुराते रहना सीख लो, मुस्कुराते जीना सीख लो मुस्कुराते रहना सीख लो, मुस्कुराते जीना सीख लो,

यही तो ज़िंदगी का राज है, यही तो ज़िंदगी का राज है।

सहकर जीवन में मुस्कुराते रहना, जीवन में तो सीख लो,

गम सह कर भी जीवन में, मुस्कुराते रहना सीख लो।

करना ना शिकायत किसी की किसी से, समझदारी का यह राज है,

करना है आफतों का सामना, आफतो में भी, मुस्कुराना सीख लो।

उठा ले जीवन का बोझ, मुस्कुराते हुए, मुस्कुराना सीख लो,

लगेगा अच्छा मुस्कुराता हुआ चेहरा, मुस्कुराते जीना सीख लो।

चेहरा चमकेगा, आँखे चमकेगी, मुस्कुराते जीना सीख लो,

कमी लगेगी ना कभी, मुस्कुराते बनेगा जीवन तभी।
https://www.youtube.com/watch?v=KmGAwhQGuYg
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मुस्कुराते रहना सीख लो, मुस्कुराते जीना सीख लो,

यही तो ज़िंदगी का राज है, यही तो ज़िंदगी का राज है।

सहकर जीवन में मुस्कुराते रहना, जीवन में तो सीख लो,

गम सह कर भी जीवन में, मुस्कुराते रहना सीख लो।

करना ना शिकायत किसी की किसी से, समझदारी का यह राज है,

करना है आफतों का सामना, आफतो में भी, मुस्कुराना सीख लो।

उठा ले जीवन का बोझ, मुस्कुराते हुए, मुस्कुराना सीख लो,

लगेगा अच्छा मुस्कुराता हुआ चेहरा, मुस्कुराते जीना सीख लो।

चेहरा चमकेगा, आँखे चमकेगी, मुस्कुराते जीना सीख लो,

कमी लगेगी ना कभी, मुस्कुराते बनेगा जीवन तभी।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

muskurātē rahanā sīkha lō, muskurātē jīnā sīkha lō,

yahī tō ja़iṁdagī kā rāja hai, yahī tō ja़iṁdagī kā rāja hai।

sahakara jīvana mēṁ muskurātē rahanā, jīvana mēṁ tō sīkha lō,

gama saha kara bhī jīvana mēṁ, muskurātē rahanā sīkha lō।

karanā nā śikāyata kisī kī kisī sē, samajhadārī kā yaha rāja hai,

karanā hai āphatōṁ kā sāmanā, āphatō mēṁ bhī, muskurānā sīkha lō।

uṭhā lē jīvana kā bōjha, muskurātē huē, muskurānā sīkha lō,

lagēgā acchā muskurātā huā cēharā, muskurātē jīnā sīkha lō।

cēharā camakēgā, ām̐khē camakēgī, muskurātē jīnā sīkha lō,

kamī lagēgī nā kabhī, muskurātē banēgā jīvana tabhī।
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Hindi Bhajan no. 6389 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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