Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6615 | Date: 08-Feb-1997
हम तो चले जा रहे हैं, जीवन में हम तो चले जा रहे हैं
Hama tō calē jā rahē haiṁ, jīvana mēṁ hama tō calē jā rahē haiṁ

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 6615 | Date: 08-Feb-1997

हम तो चले जा रहे हैं, जीवन में हम तो चले जा रहे हैं

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hama tō calē jā rahē haiṁ, jīvana mēṁ hama tō calē jā rahē haiṁ

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1997-02-08 1997-02-08 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16602 हम तो चले जा रहे हैं, जीवन में हम तो चले जा रहे हैं हम तो चले जा रहे हैं, जीवन में हम तो चले जा रहे हैं,

पता नही, हम तो कहाँ जा रहे हैं, हम तो चले जा रहे हैं।

डगमगाते हैं पैर तो हमारे, हम तो जा रहे हैं, जहाँ पैर ले जा रहे हैं,

रास्ते हैं तो नये, दृश्य भी तो है नया, देखते देखते जा रहे हैं।

पता नहीं है मंजिल का, पता नही जीवन में हम तो कहाँ जा रहे हैं,

हमें हमारी मंजिल का नही है पता, ना औरों की मंजिल का पता है,

करे तो करे, साथ किस का ना किसी पर तो हमें यकीन है,

रुकावटों का करके सामना, जीवन में हम तो चले जा रहे हैं।

प्रभु पर रखकर यकीन, हम तो यकीनों के बल से चले जा रहे हैं।
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हम तो चले जा रहे हैं, जीवन में हम तो चले जा रहे हैं,

पता नही, हम तो कहाँ जा रहे हैं, हम तो चले जा रहे हैं।

डगमगाते हैं पैर तो हमारे, हम तो जा रहे हैं, जहाँ पैर ले जा रहे हैं,

रास्ते हैं तो नये, दृश्य भी तो है नया, देखते देखते जा रहे हैं।

पता नहीं है मंजिल का, पता नही जीवन में हम तो कहाँ जा रहे हैं,

हमें हमारी मंजिल का नही है पता, ना औरों की मंजिल का पता है,

करे तो करे, साथ किस का ना किसी पर तो हमें यकीन है,

रुकावटों का करके सामना, जीवन में हम तो चले जा रहे हैं।

प्रभु पर रखकर यकीन, हम तो यकीनों के बल से चले जा रहे हैं।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

hama tō calē jā rahē haiṁ, jīvana mēṁ hama tō calē jā rahē haiṁ,

patā nahī, hama tō kahām̐ jā rahē haiṁ, hama tō calē jā rahē haiṁ।

ḍagamagātē haiṁ paira tō hamārē, hama tō jā rahē haiṁ, jahām̐ paira lē jā rahē haiṁ,

rāstē haiṁ tō nayē, dr̥śya bhī tō hai nayā, dēkhatē dēkhatē jā rahē haiṁ।

patā nahīṁ hai maṁjila kā, patā nahī jīvana mēṁ hama tō kahām̐ jā rahē haiṁ,

hamēṁ hamārī maṁjila kā nahī hai patā, nā aurōṁ kī maṁjila kā patā hai,

karē tō karē, sātha kisa kā nā kisī para tō hamēṁ yakīna hai,

rukāvaṭōṁ kā karakē sāmanā, jīvana mēṁ hama tō calē jā rahē haiṁ।

prabhu para rakhakara yakīna, hama tō yakīnōṁ kē bala sē calē jā rahē haiṁ।
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Hindi Bhajan no. 6615 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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