Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6632 | Date: 16-Feb-1997
यकीन ना रहा, यकीन ना रहा, अब खुदा तुझ पर यकीन ना रहा।
Yakīna nā rahā, yakīna nā rahā, aba khudā tujha para yakīna nā rahā।

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

Hymn No. 6632 | Date: 16-Feb-1997

यकीन ना रहा, यकीन ना रहा, अब खुदा तुझ पर यकीन ना रहा।

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yakīna nā rahā, yakīna nā rahā, aba khudā tujha para yakīna nā rahā।

જીવન માર્ગ, સમજ (Life Approach, Understanding)

1997-02-16 1997-02-16 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16619 यकीन ना रहा, यकीन ना रहा, अब खुदा तुझ पर यकीन ना रहा। यकीन ना रहा, यकीन ना रहा, अब खुदा तुझ पर यकीन ना रहा।

चल रहे है हम, जीवन की राह पर, रच के आशाओं की सृष्टि में

निराशाओं का घूँट तूने पिला दिया, यकीन ना रहा, यकीन ना रहा।

ढूँढ़ते ढूँढ़ते सफलता जीवन में, हम उस राह पर तो चले

सफलताओ की मंजिल पर, तूने हमे ना पहुँचने दिया, यकीन ना रहा।

मुसीबतों का बोझ हम उठाते-उठाते जीवन में चले जा रहे थे

मुसीबतों का बोझ तू बढ़ाते चला गया, यकीन ना रहा, यकीन ना रहा।

संजोग जीवन में तो आते ही आते गये, वह असमंजस में डालता गया।

वह परेशानियाँ क्या कम थी, तू बढ़ाता गया, यकीन ना रहा यकीन ना रहा।

राह पकड़ी थी विश्वास की जीवन में, उस राह पर हम चल रहे थे,

विश्वास पर वार तू करता ही रहा, यकीन ना रहा, यकीन ना रहा।
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यकीन ना रहा, यकीन ना रहा, अब खुदा तुझ पर यकीन ना रहा।

चल रहे है हम, जीवन की राह पर, रच के आशाओं की सृष्टि में

निराशाओं का घूँट तूने पिला दिया, यकीन ना रहा, यकीन ना रहा।

ढूँढ़ते ढूँढ़ते सफलता जीवन में, हम उस राह पर तो चले

सफलताओ की मंजिल पर, तूने हमे ना पहुँचने दिया, यकीन ना रहा।

मुसीबतों का बोझ हम उठाते-उठाते जीवन में चले जा रहे थे

मुसीबतों का बोझ तू बढ़ाते चला गया, यकीन ना रहा, यकीन ना रहा।

संजोग जीवन में तो आते ही आते गये, वह असमंजस में डालता गया।

वह परेशानियाँ क्या कम थी, तू बढ़ाता गया, यकीन ना रहा यकीन ना रहा।

राह पकड़ी थी विश्वास की जीवन में, उस राह पर हम चल रहे थे,

विश्वास पर वार तू करता ही रहा, यकीन ना रहा, यकीन ना रहा।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

yakīna nā rahā, yakīna nā rahā, aba khudā tujha para yakīna nā rahā।

cala rahē hai hama, jīvana kī rāha para, raca kē āśāōṁ kī sr̥ṣṭi mēṁ

nirāśāōṁ kā ghūm̐ṭa tūnē pilā diyā, yakīna nā rahā, yakīna nā rahā।

ḍhūm̐ḍha़tē ḍhūm̐ḍha़tē saphalatā jīvana mēṁ, hama usa rāha para tō calē

saphalatāō kī maṁjila para, tūnē hamē nā pahum̐canē diyā, yakīna nā rahā।

musībatōṁ kā bōjha hama uṭhātē-uṭhātē jīvana mēṁ calē jā rahē thē

musībatōṁ kā bōjha tū baḍha़ātē calā gayā, yakīna nā rahā, yakīna nā rahā।

saṁjōga jīvana mēṁ tō ātē hī ātē gayē, vaha asamaṁjasa mēṁ ḍālatā gayā।

vaha parēśāniyām̐ kyā kama thī, tū baḍha़ātā gayā, yakīna nā rahā yakīna nā rahā।

rāha pakaḍa़ī thī viśvāsa kī jīvana mēṁ, usa rāha para hama cala rahē thē,

viśvāsa para vāra tū karatā hī rahā, yakīna nā rahā, yakīna nā rahā।
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Hindi Bhajan no. 6632 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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