Hymn No. 6659 | Date: 04-Mar-1997
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चले गये उन गलियों में तो मेरे पाँव, जहाँ मुझे जाना नही था
Chale Gaye Un Galiyo Mein To Mere Paav, Jaha Muje Jana Nahi Tha
મન, દિલ, ભાવ, વિચાર, યાદ
(Mind, Heart, Feelings, Thoughts, Remembrance)
चले गये उन गलियों में तो मेरे पाँव, जहाँ मुझे जाना नही था, खो गया मैं उन विचारों में, जिन विचारो में मुझे खोना ना था। फिजूल बातों में वक्त गँवा रहा, जो वक्त मुझे गँवाना नही था, शर्म से सिर मेरा झुक गया, जो जीवन में मुझे तो झुकाना नही था। कह रहा हूँ मैं, मेरे कारवाएँ दास्ताँ, जो मुझे किसी से कहनी न थी, करनी ना थी जीवन में किसी की शिकायत, मेरी ही शिकायत मैं करने लगा। करनी ना थी, जीवन में किसी से मोहब्बत, खुदा मैं तुझ से मोहब्बत कर ब़ैठा, ऐ दिल, अब तू फिक्र कर रहा है, जब तुझे फिक्र करने वाला मिल गया। नज़र इधर-उधर, फिरनी बंद हो जायगा, एक बार उनकी नज़रों का मिलन हो जायेगा।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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