Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi - Kaka Bhajans
Hymn No. 6681 | Date: 15-Mar-1997
माना की तेरे आगे मैं कुछ भी नही, तेरी हस्ती के बिना मेरी हस्ती नही
Mānā kī tērē āgē maiṁ kucha bhī nahī, tērī hastī kē binā mērī hastī nahī

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)

Hymn No. 6681 | Date: 15-Mar-1997

माना की तेरे आगे मैं कुछ भी नही, तेरी हस्ती के बिना मेरी हस्ती नही

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mānā kī tērē āgē maiṁ kucha bhī nahī, tērī hastī kē binā mērī hastī nahī

પ્રેમ, ભક્તિ, શિસ્ત, શાંતિ (Love, Worship, Discipline, Peace)

1997-03-15 1997-03-15 https://www.kakabhajans.org/bhajan/default.aspx?id=16668 माना की तेरे आगे मैं कुछ भी नही, तेरी हस्ती के बिना मेरी हस्ती नही माना की तेरे आगे मैं कुछ भी नही, तेरी हस्ती के बिना मेरी हस्ती नही,

फिर भी यकीनन मैं यह कह सकता हूँ, तेरे बिना मेरे दिल में और कोई नही।

हर साँस में भरी हुई है जो गर्मी तेरे बिना और किसी की नही,

नज़रें फिर रही है तो जग में, तेरे जैसी मोहब्बत भरी, नज़र और किसी की नही।

अलग अलग दिखाई दे रहा है, भले ही तू, तू मुझ से, मैं तुझ से अलग नही,

आगे आगे चल रहे हैं हम, रख के दृष्टि तुझ पर और कही दृष्टि तो नही।

पाया है जो तेज तो जीवन में, वह तेज जीवन में, तेरे बिना और किसी का नही,

हर विचार में समाया है तू मेरे जीवन में, तेरे बिना तो और विचार नही।

शक्ति बिना चलता नही कोई, जग में, तेरी जैसी शक्ति और किसी की नही,

करता हूँ जो मैं, हाज़िर है वहाँ तू, तेरे बिना किसी की हर दम हाज़िर नही।
https://www.youtube.com/watch?v=vrsTS2MNa_8
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माना की तेरे आगे मैं कुछ भी नही, तेरी हस्ती के बिना मेरी हस्ती नही,

फिर भी यकीनन मैं यह कह सकता हूँ, तेरे बिना मेरे दिल में और कोई नही।

हर साँस में भरी हुई है जो गर्मी तेरे बिना और किसी की नही,

नज़रें फिर रही है तो जग में, तेरे जैसी मोहब्बत भरी, नज़र और किसी की नही।

अलग अलग दिखाई दे रहा है, भले ही तू, तू मुझ से, मैं तुझ से अलग नही,

आगे आगे चल रहे हैं हम, रख के दृष्टि तुझ पर और कही दृष्टि तो नही।

पाया है जो तेज तो जीवन में, वह तेज जीवन में, तेरे बिना और किसी का नही,

हर विचार में समाया है तू मेरे जीवन में, तेरे बिना तो और विचार नही।

शक्ति बिना चलता नही कोई, जग में, तेरी जैसी शक्ति और किसी की नही,

करता हूँ जो मैं, हाज़िर है वहाँ तू, तेरे बिना किसी की हर दम हाज़िर नही।




सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
Lyrics in English Increase Font Decrease Font

mānā kī tērē āgē maiṁ kucha bhī nahī, tērī hastī kē binā mērī hastī nahī,

phira bhī yakīnana maiṁ yaha kaha sakatā hūm̐, tērē binā mērē dila mēṁ aura kōī nahī।

hara sām̐sa mēṁ bharī huī hai jō garmī tērē binā aura kisī kī nahī,

naja़rēṁ phira rahī hai tō jaga mēṁ, tērē jaisī mōhabbata bharī, naja़ra aura kisī kī nahī।

alaga alaga dikhāī dē rahā hai, bhalē hī tū, tū mujha sē, maiṁ tujha sē alaga nahī,

āgē āgē cala rahē haiṁ hama, rakha kē dr̥ṣṭi tujha para aura kahī dr̥ṣṭi tō nahī।

pāyā hai jō tēja tō jīvana mēṁ, vaha tēja jīvana mēṁ, tērē binā aura kisī kā nahī,

hara vicāra mēṁ samāyā hai tū mērē jīvana mēṁ, tērē binā tō aura vicāra nahī।

śakti binā calatā nahī kōī, jaga mēṁ, tērī jaisī śakti aura kisī kī nahī,

karatā hūm̐ jō maiṁ, hāja़ira hai vahām̐ tū, tērē binā kisī kī hara dama hāja़ira nahī।
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Hindi Bhajan no. 6681 by Satguru Devendra Ghia - Kaka
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