Hymn No. 6614 | Date: 08-Feb-1997
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तूने मुझे प्यार देकर प्रभु, प्यार के चार चाँद लगा दिए, प्यार से अनजान था मैं, मुझे प्यार करना जीवन में सीखा दिया। था मैं क्या जीवन में, तेरे प्यार ने मुझे, क्या से क्या बना दिया, तेरे प्यार ने, मकसद बिना की ज़िंदगी को मकसद दे दिया। था ना काबिल मैं तेरे प्यार का, तूने प्यार के काबिल बना दिया, था जीवन में जो अँधेरा, तेरे प्यार ने प्रभु प्रकाश नया दे दिया। खो चुका था राह इन्सानियत की, उसे इन्सानियत की राह पर चलना सीखा दिया, टूट गया था विश्वास मेरा जीवन में, विश्वास जीवन में फिर से जगा दिया। प्यार का नशा छा गया, दिल में प्यार ने नये-नये ख्वाब दिखा दिए, तू दिखाई दे या ना दिखाई दे, तेरे प्यार ने मुझे यकीन दिला दिया।
सतगुरू देवेंद्र घिया (काका)
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